पेड़ लगे बंग्लादेश में
बादल आया हिन्दुस्तान में।
बारिश हुई चेरापूंजी में
चाय उगी बागान में।
चाय पी राम ने चाय पी
रहिम ने, बाब विल्सन ने
पानी खींचा माटी ने
पानी मिला पानी से।
रोक लगाया तामिल ने
रोक लगाया कर्नाटक ने।
आग लगी भाषाओं में
ढेर सारे मर गये दंगों मे।
हल्ला हुआ संसद में
हल्ला हुआ चौराहों पे।
वोट बने नेताओं के
नाक कटी देश की।
__1996______________
© सुभाष चंद्र गाँगुली
("भारत माँ कीगोद में" काव्य संग्रह से, प्रथम संस्करण: 2022)