ओजोन में छेद है
धर्मो में मतभेद है
देहरी में मनभेद है
महँगाई का खेद है
देहरी में मनभेद है
महँगाई का खेद है
हाल अपना ठीक है
हरि बोल बोल हरि ।
हरि बोल बोल हरि ।
दाल बिना थाल है
माछ बिना बंगाल है
तेल बिना तरकारी है
नाही कुछ दरकारी है
हाल अपना ठीक है
हरि बोल बोल हरि ।
बिना चरित मिनिस्टर है
बिना गणित एस्ट्रोलाजर है
बिना ईमान अफसर है
बिना वेतन डाक्टर है
हाल अपना ठीक है
हरि बोल बोल हरि ।
बिना पुछे कवि है
बिना पूजे रवि है
छाया ही छवि है
छवि ही विप्लवी है
हाल अपना ठीक है
हरि बोल बोल हरि ।
मन में तो डर है
तन किंतु निडर है
अपना ही देश है
अपने ही लोग है
हाल अपना ठीक है
हरि बोल बोल हरि ।
कानों में रुई है
जुबाँ पे सुई है
आँखो पे पट्टी है
धोखे की टट्टी है
हाल अपना ठीक है
हरि बोल बोल हरि ।
अयोद्धा का हिस्ट्री है
रामसेतू बना मिस्ट्री है
कैसी हुई सृष्टि है
किसकी कुदृष्टि है
हाल अपना ठीक है
हरि बोल बोल हरि ।
माछ बिना बंगाल है
तेल बिना तरकारी है
नाही कुछ दरकारी है
हाल अपना ठीक है
हरि बोल बोल हरि ।
बिना चरित मिनिस्टर है
बिना गणित एस्ट्रोलाजर है
बिना ईमान अफसर है
बिना वेतन डाक्टर है
हाल अपना ठीक है
हरि बोल बोल हरि ।
बिना पुछे कवि है
बिना पूजे रवि है
छाया ही छवि है
छवि ही विप्लवी है
हाल अपना ठीक है
हरि बोल बोल हरि ।
मन में तो डर है
तन किंतु निडर है
अपना ही देश है
अपने ही लोग है
हाल अपना ठीक है
हरि बोल बोल हरि ।
कानों में रुई है
जुबाँ पे सुई है
आँखो पे पट्टी है
धोखे की टट्टी है
हाल अपना ठीक है
हरि बोल बोल हरि ।
अयोद्धा का हिस्ट्री है
रामसेतू बना मिस्ट्री है
कैसी हुई सृष्टि है
किसकी कुदृष्टि है
हाल अपना ठीक है
हरि बोल बोल हरि ।
छक्कों की बौछार है
विराट की जय जयकार है
नेता सारे भगवान हैं
वाकई हम सब महान हैं
हाल अपना ठीक है
हरि बोल बोल हरि । ।
कोरोना महामारी है
वैक्सीन की मारामारी है
ऑक्सीजन की कालाबाजारी है
चोरी है सीनाजोरी भी जारी है
हाल अपना ठीक है
हरी बोल बोल हरी । ।
© सुभाष चंद्र गांगुली *
_________________________
Written in 1997
Revised twice. Latest in 2021
A gr8 reflection of the contemporary Indian society as a whole .... Its a very good piece of work, Sir !
ReplyDeleteHeartfelt thanks. Such compliments act as impetus.
DeleteThank you, I am inspired by such comment... it gives me impetus to go ahead.
ReplyDeleteindeed a good poem, big issues in simple words.
ReplyDelete