जहां गली गली में नेता
घर घर अभिनेता,
भूले जहां लोग तिरंगा
लहराये झंडा एक दो रंगा :
नुक्कड़ नुक्कड़ जहां हो गंदा
गंगाजल भी हो जाए गंदा :
ईश्वर अल्लाह में हो भेदभाव
धर्म जाति के नाम हो टकराव,
सरकारी माल जहां हो अपना
और रामराज हो महज एक सपना
वह महान देश है अपना ।
वह प्यारा देश है अपना
जहां मेरा तेरा, तेरा मेरा
घर आंगन करे बंटवारा :
जहां कालाधन हो सबका प्यारा
जहां जनतंत्र गणतंत्र मनतंत्र
में छिपा हुआ हो षड़यंत्र :
और बूढ़ा हो रहा हो प्रजातंत्र
जहां राजनीति हो सबसे बड़ा यंत्र :
वह प्राण प्रिय देश है अपना
सबका प्यारा सबसे न्यारा
वह महान देश है अपना ।।
© सुभाष चंद्र गाँगुली
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20/11/1997
("भारत माँ कीगोद में" काव्य संग्रह से, प्रथम संस्करण: 2022)
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