गन्दा पानी बहने वाला
एक नाला मौजूद है,
जो आगे चलकर
मिल जाता है,
गंगा नदी से ।
उसी सड़क से चलकर
सारे भक्त नित्य नहाने जाया करते
गंगा नदी में,
लेकिन जब से
भक्तों को पता चला
उस गुप्त नाले का,
उन सबों ने रास्ता बदल दिया
जाने का । ।
© सुभाष चंद्र गाँगुली
("भारत माँ कीगोद में" काव्य संग्रह से, प्रथम संस्करण: 2022)
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