उसकी अजब कहानी है
बेर बेर खाती थी वो
एक बेर खाती है ।
गद्दे में सोती थी वो
चटाई बिछाए सोती है
कूलर चलाए सोती थी वो
खुद ही पंखा झलती है ।
सबको प्यार बांटती थी वो
सबसे प्यार चाहती है
वो जो मेरी नानी है
उसकी अजब कहानी है ।
बच्चों को डांटती थी वो
बच्चों से डांट सुनती है
झूठ से नफ़रत करती थी वो
झूठ से ही जान बचाती है ।
जप तप से दूर रहती थी वो
दिनभर माला जपती है
छुआछूत नहीं मानती थी वो
छू लेने पर चिढ़ती है ।
वो जो मेरी नानी है
उसकी अजब कहानी है ।
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( Written in 1998 )
© सुभाष चंद्र गाँगुली
("भारत माँ कीगोद में" काव्य संग्रह से, प्रथम संस्करण: 2022)
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