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Tuesday, August 22, 2023

मॉब लिन्चिंग


नन्दू भैया जिधर से गुजरते उन्हें देख बच्चे आवाज़ देते-

"हेला हेला, हेइ लल्ला

नन्दू भैया हेइ लल्ला ।”

'हेइ लल्ला' बोलते हुए नन्दू भैया सायकिल से उतर कर कहीं एक-दो मिनट, कहीं थोड़ा ज्यादा वक्त के लिए रूक जाते। जहाँ कहीं अधिक बच्चे होते, बच्चों में होड़ लग जाती नन्दू भैया के दुलार पाने की। नन्दू भैया एक-एक लाइन बोलते और बच्चे समवेत स्वर में बोलते जाते-

"हेला हेला, हेइ लल्ला

हम सब बच्चे हेइ लल्ला

वीर बहादुर हेइ लल्ला ।

खेल खेले, स्वस्थ रहे, हेइ लल्ला स्कूल जाए, पढ़ाई करे, हेइ लल्ला साफ रहे, सफाई रखे, हेइ लल्ला ।

हेला हेला हेइ लल्ला

हम सब बच्चे हेइ लल्ला

नन्दू भैया हेइ लल्ला।"

सभी बच्चों के प्यारे नन्दू भैया ने साल भर में कई मोहल्ले में 'हेला हेला हेइ 'लल्ला' नाम से क्लब का गठन कर दिया। प्रतिदिन शाम को बच्चे मोहल्ले में किसी मैदान या पार्क में एकत्र हो जाते और किसी वरिष्ठ नागरिक पुरुष या महिला जिस किसी ने सहमति जतायी हो, के देख रेख में पी टी करते, खेल खेलते। यह क्लब

केवल पाँच साल से बारह साल तक के बच्चों के लिए ही था। रोज़ाना किसी एक मोहल्ले में खेल के समय नन्दू भैया दूर से 'हेला हेला, हेइ 'लल्ला' बोलते हुए पहुँच जाते और थोड़ी देर के लिए बच्चों के संग बच्चे बन जाते। फिर एक-एक बच्चे का दाँत देखते, गंदा रहने पर कहते 'गंदी बात। दाँत साफ किया करो हर रोज।' नाखून चेक करते, बढ़ा हुआ पाते तो जेब से नेल कटर निकाल कर काट देते। बाल गंदे या बेतरतीब देखते तो कहते 'रोजाना नहाया करो। कंधा किया करो। किसी बच्चे से गिनती सुनते, किसी से पहाड़ा। कभी खुद चुटकुले सुनाकर बच्चों को हंसाते तो कभी कोई शिक्षाप्रद छोटी कहानी सुनाया करते। फिर साँझ होते ही कहते 'चलो बच्चे अपने-अपने घर, आज का खेल खत्म। और सायकिल हाथ में थामे चलते-चलते बोलते जाते-

'हेला हेला, हेइ लल्ला'

वीर बहादुर हेइ लल्ला

हम सब बच्चे हेइ लल्ला ।"

बच्चे भी उनके साथ जोश से बोला करते, और फिर जब सायकिल पर चढ़ कर पैडल मारते तो बच्चे शोर मचाते-

"नन्दू भैया हेइ लल्ला हेला हेला, हेइ लल्ला ।"

बच्चों का नियमित देखभाल करना, खेल भावना द्वारा उनमें एकता की भावना जगाना, उनके सर्वांगीण विकास का ध्यान रखना बिल्कुल एक 'मिशन' जैसा था नन्दू भैया के लिए। अनेक लोग उनके काम की सराहना करने लगे।

किन्तु अनजाने में उनके न चाहने वाले भी बनते गये। कुछ लोग कहते पता नहीं कहाँ कहाँ से बच्चे बटोर लाते हैं, गन्दे बच्चों के साथ अच्छे घर के बच्चे खेलेंगे तो गन्दी बातें सीखेंगे, बिगड़ जायेंगे।

कुछ लोगों को पार्कों में खेलने पर आपत्ति थी। अलग-अलग पार्क की अलग-अलग कहानी। कहीं सौन्दर्यकरण के नाम रखरखाव की जिम्मेदारी 'वेलफेयर एसोसिएशन' की थी जो सुबह-शाम अपने लोगों के लिए मात्र दो घन्टों के लिए फाटक खोलते। कहीं आये दिन किसी आश्रम या मठ का अपना कार्यक्रम चलता और वे ही देखभाल करते। कहीं किसी पार्क में प्रभावशाली व्यक्ति का दबदबा था। और कहीं किसी मैदान में बच्चों के संग संग बड़े-बड़े लड़के भी जुट जाते जिससे मैदान के पास मकानों में रहने वालों को परेशानी होती, अक्सर कोई न कोई नन्दू मैया से कहता ले जाए अपने बच्चों को कहीं और। किसी मैदान से लगे कोचिंग सेन्टर या मंदिर होता तो वे आकर चिल्लाते। तमाम समस्याओं के बावजूद नन्दू भैया अपना प्राग्राम जारी रखे हुए थे ।

एक शाम जब नन्दू भैया 'हेला हेला, हेइ लल्ला' हाँकते हुए किसी खेल के मैदान में जा रहे थे तब एक वृद्ध व्यक्ति ने उन्हें रोककर एक कागज़ देते हुए कहा- 'आप इसे अभी पढ़िए।' फिर वह व्यक्ति तेज डगों से निकल गए। 

कागज में लिखा था-

'कल रात से शहर के दो बच्चे गायब हैं। ख़बर फैली है कि आप बच्चा चोर गिरह के सरगना हैं। 'व्हाटस एप्स' पर ख़बर वायरल हो रही है। बच के रहिएगा

नन्दू भैया को यकीन नहीं हुआ। वे हँसते हुए सायकिल पर चढ़कर 'हेला हेला, हेइ लल्ला' करते हुए दस कदम आगे बढ़े ही थे कि मैदान के पास घात लगाये बैठे दस-बीस लोग शोर मचाने लगे-'चोर चोर बच्चा चोर बच्चा चोर पकड़ी। पकड़ो और फिर दौड़ लगाने लगे। भीड़ के साथ लोग जुड़ते गये। नन्दू भैया निःशब्द एक गली से दूसरी गली होते हुए गमछे से सिर ढक कर 'चोर चोर पकड़ो। पकड़ो। चिल्लाते हुए भीड़ का हिस्सा बन कर जान बचाकर भाग निकले।

उस घटना के बाद नन्दू भैया को किसी ने देखा नहीं। वे कहाँ के निवासी थे, कहाँ से आये थे, उनका असल नाम क्या था, किसी को पता नहीं था। अपने बारे में उन्होंने कभी किसी से कुछ नहीं कहा था। एक बार किसी ने कहा था कि वे किसी स्कूल में स्पोर्टस टीचर थे, रिटायरमेन्ट के बाद यहाँ आये थे। अकेला थे। घर-दुआर, परिवार कुछ नहीं था।

उस दिन नन्दू भैया के बच निकलने के बाद अगले दिन के अखबार में ख़बर छपी थी- 'मॉब लिन्चिंग में बच्चा चोरी के संदिग्ध आरोपी की हत्या। लाश की शिनाख्त अभी तक नहीं हो सकी। दोषियों की तलाश में जुटि पुलिस।'

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