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Tuesday, May 8, 2012

कविता- लौट गये


बापू गये खादी भवन में
लौट गये
दाम सुन कर

टैगोर गये
शांतिनिकेतन में
लौट गये
डोनेशन सुनकर

विवेकानंद गये
आश्रम में
लौट गये
ठाट देखकर

बाबासाहब गये
संसद में
लौट गये
नोटों की  गड्डी देखकर

बु्द्धा गये
बोधि गया में
लौट गये
मारपीट देखकर

लिंकन गये
अमेरिका में
लौट गये
टावर देखकर

लेनिन गये
रुस में
लौट गये
ध्वस्त मुर्तियाँ देखकर

जिन्ना गये
कराची में
लौट गये
हालात देखकर

मूजीबर गये
ढाका में
लौट गये
लज्जा पढ़कर

ब्रह्मा उतरे
धरती पर
आंसू बहाए
अपने किए पर।


©  सुभाष चंद्र गाँगुली
("भारत माँ कीगोद में" काव्य संग्रह से, प्रथम संस्करण: 2022)

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