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Monday, July 12, 2021

कविता- मेरा कसूर क्या ?

        


आज भी शिलॉक* पूछता
उसका  कसूर  क्या  ??
एन्टोनी चुप रहता ---
क्या कहता ? ?
सारे लोग चुप रहते
आज भी चुप्पी साधे हुए हैं ।

अलबत्ता जमाना बदल गया
कहीं शिलॉक तड़प तड़प मरता
कहीं उसे फांसी पर लटकाया जाता ।
अलबत्ता जमाना तेजी से बदल रहा --
सौ तल्ला इमारत कहीं बादलों से टकरा रही
यंत्र कहीं जुपिटर में 'सोने का किला' ढूंढ रहा
आदिम आदमी किंतु तनिक न बदला
आदिम बर्बरता को बड़े जतन से
संजोए हुए है
अति आधुनिक साजबाज से ।
शीत युद्ध जारी है
भीतर ही भीतर युद्ध जारी है
शीत युद्ध से तंग 
 छेड़ेंगे लोग दर दर जंग
कुरुक्षेत्रों को देंगे 
जहरीले इंद्रधनुष के रंग
होगी विश्व में शांति भंग
                         और -----
कबीरा खड़ा बाज़ार मे
अलापेगा पुराना राग,
गांधी, टालस्टाय, टैगोर 
छिड़केंगे शांति जल
                        लेकिन ----
तब भी पूछता रहेगा शिलॉक 
उसका कसूर क्या ??????
_____________________

* सुभाष चंद्र गांगुली© सुभाष चंद्र गाँगुली 
("भारत माँ कीगोद में" काव्य संग्रह से, प्रथम संस्करण: 2022)
_________________________
12/5/1997 -- पत्रिका 'आनन्द मंजूषा ' - उन्नाव 1998मे प्रकाशित । 
* ' नीलाम्बर काव्य संकलन ' जनवरी 1998
में । जागृति प्रकाशन, मुलुंड, मुम्बई द्वारा प्रकाशित ।

*संदर्भ: शेक्सपियर का नाटक 'मर्चेंट ऑफ वेनिस'। "मांस के
पाउंड " के लिए प्रसिद्ध। शाइलॉक एक यहूदी है जिसका व्यवसाय ब्याज पर ऋण देना है। और एंटोनियो एक ईसाई है जो एक बड़ा व्यापारी है, अपने व्यवसाय और जाति के कारण यहूदी से नफरत करता है। दोनों एक दूसरे से नफरत करते हैं।


* Reference : Shakespeare's play ' Merchant of Venice. Famous for  much talked of "Pound of flesh '. Shylock is a Jew whose business is to give loan on interest. And Antonio is a Christian who is a big merchant,hates the Jew because of his business and caste. Both hate each other.



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